वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर बढ़कर 7.4%, कृषि और कंस्ट्रक्शन सेक्टर बने विकास के इंजन
नई दिल्ली, 30 मई 2025 — भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर मजबूती का प्रदर्शन करते हुए वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 7.4% की मजबूत GDP वृद्धि दर दर्ज की है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही में दर्ज 6.2% से अधिक है और इसके पीछे कृषि, कंस्ट्रक्शन और सेवा क्षेत्र की शानदार प्रदर्शन प्रमुख कारण हैं। यह जानकारी शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई।
पूरे वित्त वर्ष में 6.5% रही विकास दर
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.5% दर्ज की गई है। यह ऐसे समय में हासिल हुआ है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी, महंगाई और अमेरिकी टैरिफ जैसे दबावों से जूझ रही है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद स्थायित्व और मांग में सुधार के संकेत दे रही है।
कृषि और कंस्ट्रक्शन बने विकास के इंजन
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि क्षेत्र ने चौथी तिमाही में 5% की वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह केवल 0.8% थी। पूरे वित्त वर्ष में यह वृद्धि 4.6% रही जो पिछले वित्त वर्ष के 2.7% के मुकाबले कहीं बेहतर है।
वहीं, कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने भी चौथी तिमाही में 10.8% की उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई। पूरे वित्त वर्ष के लिए यह आंकड़ा 9.4% पर रहा। इसके अलावा:
- पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस और अन्य सेवाएं: चौथी तिमाही में 8.7% की वृद्धि
- फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज: 7.8% की वृद्धि
उपभोग व्यय में तेज़ी से बढ़ोतरी
निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE), जो देश की आर्थिक मांग का एक बड़ा संकेतक है, 2024-25 में 7.2% की दर से बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.6% था। इससे यह स्पष्ट होता है कि घरेलू मांग में मजबूती बनी हुई है।
बुनियादी ढांचा निवेश बना समर्थन का स्तंभ
सरकार द्वारा राजमार्गों, रेलवे, हवाई अड्डों और बंदरगाहों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर किए गए निवेश ने विकास को अतिरिक्त गति प्रदान की है। इन निवेशों से रोजगार, निर्माण गतिविधियां और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है।
वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी भारत की विकास गति की सराहना की है। IMF के मुताबिक, भारत वित्त वर्ष 2025-26 में 6% से अधिक की दर से विकास करने वाली दुनिया की एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा।
IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि “जब अधिकांश वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं अमेरिकी टैरिफ और व्यापार अस्थिरता से जूझ रही हैं, भारत तेज़ी से स्थायित्व की ओर बढ़ रहा है।”
भारत की चौथी तिमाही की GDP वृद्धि दर 7.4% रहना यह संकेत देता है कि आंतरिक मांग, मजबूत कृषि उत्पादन और सरकारी निवेश भारत की विकास गाथा को गति दे रहे हैं। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत की यह वृद्धि दर एक सकारात्मक संकेत है और आने वाले महीनों में निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए एक मजबूत आधार प्रदान कर सकती है।